अक्षय तृतीया 2023: वर्ष का विशेष समय यहां है। हर साल पूरे देश में अक्षय तृतीया को बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। हिंदू समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक, अक्षय तृतीया को ध्यान, दान और आध्यात्मिकता के माध्यम से मनाया जाता है। अक्षय शब्द का अर्थ कुछ ऐसा है जो कम या नष्ट नहीं हो सकता। इसलिए, लोग इस दिन सोना खरीदते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर खरीदा गया सोना समय के साथ इसकी कीमत में वृद्धि करेगा। अखा तीज के रूप में भी जाना जाता है, अक्षय तृतीया भगवान विष्णु को पूजा की पेशकश करके मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु अपने भक्तों की समृद्धि और धन की रक्षा करते हैं।

अक्षय तृतीया वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष तृतीया के दौरान आती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि 22 अप्रैल को सुबह 07:49 बजे शुरू होगी और 23 अप्रैल को सुबह 07:47 बजे समाप्त होगी। शुभ दिन, यहाँ कुछ क्या करें और क्या न करें ध्यान में रखना है:
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की:
सोना खरीदना: इस शुभ दिन पर सोना खरीदने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह आपकी समृद्धि और धन की यात्रा शुरू करने में मदद करेगा या मौजूदा समृद्धि में इजाफा करेगा।
एक नया उद्यम शुरू करना: अक्षय तृतीया कुछ नया शुरू करने के लिए एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है, जैसे कोई नया व्यवसाय शुरू करना या कार खरीदना।
निवेश: रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए भी यह एक आदर्श दिन है क्योंकि यह सौभाग्य और बेहतर कल का वादा लेकर आएगा।
आध्यात्मिक क्रियाएं: अक्षय तृतीया पर ध्यान, यज्ञ और पूजा करना शुभ माना जाता है।
Satvik bhog: भगवान विष्णु की पूजा करते समय भगवान को बिना प्याज और लहसुन का सात्विक भोग लगाना चाहिए।
क्या न करें:
अंधेरा कमरा: इस शुभ दिन पर हर कमरे में समृद्धि का प्रकाश प्रवेश करना चाहिए और घर के किसी भी कमरे में अंधेरा नहीं छोड़ना चाहिए।
भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी: इन दोनों देवी-देवताओं की अलग-अलग पूजा नहीं करनी चाहिए। इनकी एक साथ पूजा करने से और भी समृद्धि आएगी।
खाली हाथ लौट रहे हैं: यदि आप खरीदारी करने जाते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप खाली हाथ न लौटें। सोना-चांदी न हो तो भी घर में धन-धान्य लाने के लिए धातु के आभूषणों का एक टुकड़ा खरीदना चाहिए।
उपवास तोड़ने: यह सलाह दी जाती है कि यदि आपने इसे काफी समय तक रखा है तो अक्षय तृतीया पर उपवास न तोड़ें।
पवित्र धागा: इस दिन ज्यादा देर तक जनेऊ धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।